जनवरी 2025 की एक शाम, IIT बॉम्बे के ई-सेल इवेंट में शीना और करण खुराना एक फ्रोजेन एस्प्रेसो शॉट लेकर स्टेज पर उतरे। उनके पास अपनी स्टार्टअप 'जेनमा कॉफी' (Zenma Coffee) की कहानी बताने के लिए सिर्फ 10 मिनट थे। जो हुआ, उसने उनके स्टार्टअप के लिए एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट ला दिया।
10 मिनट में ₹3 करोड़ की बोली
शीना और करण के लिए स्टेज पर वह पल सालों की कड़ी मेहनत का नतीजा था, जिसकी शुरुआत गुरुग्राम में एक छोटे से कियोस्क से हुई थी। उन्होंने महसूस किया था कि लोगों को घर पर बेहतर कॉफी मिलनी चाहिए।
10 मिनट की दमदार पिच के खत्म होते-होते, Zenma Coffee के लिए निवेशकों की बोली ₹3 करोड़ के पार चली गई। शीना और करण ने मौके पर ही फंडिंग हासिल कर ली, जिसने ज़मीन से शुरू हुए उनके सफर को एक बड़ी मजबूती और मान्यता प्रदान की।
इकोनॉमिक्स की पढ़ाई से एस्प्रेसो कियोस्क तक
शीना ने दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की और फिर रियल एस्टेट प्राइवेट इक्विटी में कॉर्पोरेट करियर बनाया। करण ने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की। अपनी कॉर्पोरेट जॉब के दौरान शीना ने पाया कि घरों में लोग अभी भी इंस्टेंट कॉफी पीते हैं, जबकि कैफे में फ्रेश एस्प्रेसो पर आधारित स्वादिष्ट ड्रिंक्स मिलती हैं।
इस अंतर को समझते हुए, शीना अपनी सैलरी बचाकर रोम में बरिस्ता कोर्स करने गईं। उन्होंने नौकरी छोड़ी और उसी बिल्डिंग में एक छोटा कियोस्क '16 ग्राम्स' खोला, जहाँ वह पहले काम करती थीं। इस कियोस्क ने भाई-बहन को यह सिखाया कि लोग कैफे जैसी क्वालिटी घर पर चाहते हैं, लेकिन इसके लिए महंगी एस्प्रेसो मशीन नहीं खरीदना चाहते।
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महामारी में दुकान बंद, लेकिन मिला समाधान
2020 में महामारी आने पर कियोस्क बंद हो गया, लेकिन समाधान की तलाश जारी रही। सवाल यह था कि बिना मशीन के लोगों को एस्प्रेसो का स्वाद कैसे दिया जाए।
महीनों के प्रयोग के बाद, उन्हें रैपिड फ्रीजिंग तकनीक में सफलता मिली। वे फ्रेश एस्प्रेसो शॉट को तुरंत अत्यधिक कम तापमान पर फ्रीज कर देते थे, जिससे उसका स्वाद, सुगंध और 'क्रेमा' (झाग) बरकरार रहता था। यह फ्रोजन शॉट महीनों तक फ्रीजर में खराब नहीं होता।
यही तकनीक Zenma का मुख्य उत्पाद बन गई: फ्रोजेन एस्प्रेसो शॉट्स जो घर पर मशीन के बिना कैफे-स्टाइल कॉफी बनाते हैं। ब्रांड आधिकारिक तौर पर नवंबर 2023 में लॉन्च हुआ और जल्द ही Blinkit और Zepto जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर छा गया। इन शॉट्स से बनी एक कप कॉफी की लागत लगभग ₹70 आती है।
शार्क टैंक से IIT बॉम्बे तक का सफर
2024 में Zenma को 100X.VC से सीड फंडिंग मिली। इसके बाद वे शार्क टैंक इंडिया सीज़न 4 में गए, जहाँ उन्होंने ₹60 लाख की मांग की, हालांकि वहाँ डील फाइनल नहीं हुई।
लेकिन 2025 की शुरुआत में, IIT बॉम्बे के एंटरप्रेन्योरशिप सेल से उन्हें द टेन मिनट मिलियन (TTMM) इवेंट के लिए आवेदन करने का न्योता मिला। यह एक हाई-प्रेशर इवेंट है, जहाँ फाउंडर्स को 10 मिनट में अनुभवी निवेशकों के सामने पिच करना होता है और ₹35 लाख तक की ऑन-स्पॉट फंडिंग मिल सकती है।
IIT बॉम्बे के भव्य मंच पर शीना और करण ने पिच दी। जब बोली शुरू हुई, तो निवेशकों ने सामूहिक बोली लगाकर न्यूनतम लक्ष्य को पार कर दिया। शीना बताती हैं, "हमें पता था कि अगर बोलियाँ उस संख्या को पार कर गईं, तो हमें ₹35 लाख मिल जाएंगे।"
Zenma Coffee को ₹35 लाख की फंडिंग और उससे अधिक की बोली मिली, जो उनके छोटे से विचार को एक बड़ा व्यापार बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम था।
