फ्रेंडशिप गोल्स! कैसा लगेगा जब बचपन में आपकी बेंच शेयर करने वाला दोस्त 40 साल बाद आपके बगल में एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के रूप में खड़ा हो? सैनिक स्कूल कज़ाकूटम (Sainik School Kazhakoottam) में चार दोस्तों ने यह साबित कर दिया कि स्कूल की दोस्ती सिर्फ फीकी नहीं पड़ती, बल्कि समय की कसौटी पर खरी उतरती है।
छात्र से लीडर तक का सफर
सालों पहले जिस स्कूल में इन चारों ने एक साथ बेंच और सपने साझा किए थे, वहाँ वे वापस लौटे हैं—लेकिन इस बार छात्र के रूप में नहीं, बल्कि वर्दी में लीडर के रूप में।
मिलिए इन चार दोस्तों से, जो आज देश की सेनाओं में महत्वपूर्ण पदों पर हैं:
- लेफ्टिनेंट जनरल विजय बी नायर: वर्तमान में भारत की उत्तरी सेना की कमान संभाल रहे हैं और कश्मीर तथा उससे आगे महत्वपूर्ण ऑपरेशनों का नेतृत्व कर रहे हैं।
- मेजर जनरल विनोद मैथ्यू: कर्नाटक और केरल में रक्षा अभियानों का नेतृत्व करते हैं, और प्रमुख बचाव तथा आतंकवाद विरोधी अभियानों का नेतृत्व कर चुके हैं।
- मेजर जनरल हरि पिल्लई: कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सालों सेवा देने के बाद, अब बेंगलुरु में सेना भर्ती की देखरेख करते हैं।
- एयर वाइस मार्शल सुरेंद्रन नायर: मिग्स और सुखोई विमान उड़ाने के बाद, अब वह भारत की अगली पीढ़ी के लड़ाकू पायलटों को प्रशिक्षण देते हैं।
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एक ही सपने को आगे बढ़ाना
उन्हीं गलियारों में चलना, जहाँ उनके सपनों ने पहली बार आकार लिया था, उन्हें उन छात्रों के लिए रोल मॉडल के रूप में वापस लाता है जो आज उन्हीं बेंचों पर बैठे हैं।
उनका संदेश सरल है: एक समय में, उनसे मिलने आए अधिकारियों ने उन्हें वर्दी पहनने का सपना देखने के लिए प्रेरित किया था। आज, वे उम्मीद करते हैं कि वे कई और छात्रों में वही सपना जगा सकें। क्योंकि कुछ दोस्तियाँ न केवल बढ़ती हैं—बल्कि एक साथ राष्ट्र की सेवा करती हैं।
