सक्सेस स्टोरी: जयपुर की रहने वाली अन्नू कनावत ने साबित कर दिया है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो एक छोटा सा कमरा भी बड़े साम्राज्य की शुरुआत बन सकता है। अन्नू ने सिर्फ 5,000 रुपये के शुरुआती निवेश से मशरूम उगाना शुरू किया था और आज उनका आयुर्वेद आधारित एग्री-बिजनेस 1 करोड़ रुपये के रेवेन्यू के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है।
रूढ़िवादी समाज से संघर्ष और शिक्षा की जीत
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के एक पारंपरिक परिवार से आने वाली अन्नू के लिए पढ़ाई का रास्ता आसान नहीं था। 12वीं के बाद जब परिवार ने आगे पढ़ाने से मना किया, तो उन्होंने चुनौती दी कि अगर उनका दाखिला प्रतिष्ठित कॉलेज में हुआ तो ही वे खर्च उठाएं। अन्नू ने न केवल दाखिला लिया, बल्कि महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय से बीएससी और गुजरात से एग्री-बिजनेस में एमबीए भी किया।
10x10 फीट के कमरे से 'आमल्डा ऑर्गेनिक' का सफर
2018 में अन्नू ने एक 10x10 फीट के कमरे में बटन मशरूम उगाना शुरू किया। सर्दियों का समय होने के कारण उन्हें महंगे एसी की जरूरत नहीं पड़ी और यह प्रयोग सफल रहा। इसके बाद उन्होंने भीलवाड़ा में तीन कमरों की यूनिट लगाई और सरकार से 15 लाख रुपये का अनुदान भी प्राप्त किया।
लेकिन असली परीक्षा 2020 में आई, जब कोरोना महामारी के कारण उनका 700 किलो ऑयस्टर मशरूम बिकने के बजाय खराब होने की कगार पर था।
मजबूरी को बनाया 'हीरो प्रोडक्ट'
बाजार बंद होने पर अन्नू ने हार नहीं मानी। उन्होंने मशरूम को सुखाकर उसका पाउडर सप्लीमेंट तैयार किया। जब यह पाउडर गांव की महिलाओं को बांटा गया, तो उन्हें घुटनों और पीठ दर्द में जबरदस्त आराम मिला। इसी सफलता ने 2021 में 'आमल्डा ऑर्गेनिक फूड्स एंड रिसर्च सेंटर' की नींव रखी।
- सप्लीमेंट रेंज: उनका ब्रांड अब मशरूम पाउडर, कैप्सूल और लिक्विड एक्सट्रैक्ट बेचता है।
- महिलाओं का सशक्तिकरण: अन्नू ने 30 से अधिक महिलाओं और किसानों को ट्रेनिंग दी है और अब उन्हीं से उत्पाद खरीदती हैं।
- भविष्य का लक्ष्य: हाल ही में उन्होंने कॉर्डिसेप्स मिलिटैरिस मशरूम (Cordyceps) की खेती में 20 लाख का निवेश किया है।
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करोड़ों का कारोबार और सामाजिक मिशन
वित्त वर्ष 2024-25 में 60 लाख रुपये का रेवेन्यू दर्ज करने के बाद, अन्नू का अगला लक्ष्य 1 करोड़ रुपये के वार्षिक रेवेन्यू को पार करना है। वह न केवल औषधीय मशरूम को मध्यम वर्ग के लिए किफायती बना रही हैं, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के अपने मिशन को भी बखूबी निभा रही हैं।
