होटल में साफ किया बाथरूम, दो बार लगा लॉकडाउन, फिर भी खड़ी कर दी 120 करोड़ की फूड कंपनी!

होटल में साफ किया बाथरूम, दो बार लगा लॉकडाउन, फिर भी खड़ी कर दी 120 करोड़ की फूड कंपनी!

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सफलता कभी किस्मत से नहीं, बल्कि हिम्मत और खुद पर अटूट भरोसे से मिलती है। विभांशु मिश्रा इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं। जिस शख्स को इंटरर्नशिप के दौरान पूरे एक महीने वॉशरूम साफ करने पड़े, जिसने बिजनेस शुरू करते ही लगातार दो बार लॉकडाउन झेला, आज उसने संघर्षों को मात देकर 120 करोड़ रुपये की फूड कंपनी खड़ी कर दी है।

कमजोर मार्कशीट से टूटा पिता का भरोसा

विभांशु के पिता एक नामी स्कूल के वाइस-प्रिंसिपल थे और चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ाई में अव्वल आए। लेकिन विभांशु औसत छात्र थे, सातवीं कक्षा में उनके सिर्फ 49% नंबर आए। इससे पिता-पुत्र के बीच दूरी आ गई। हालांकि, बचपन में वे अपनी मां के सबसे प्रिय थे। पड़ोस के एक लड़के से प्रेरित होकर, उनकी मां ने उन्हें होटल मैनेजमेंट में करियर बनाने का सपना दिखाया। 12वीं की परीक्षा से पहले मां की मौत हो गई, जिसके सदमे से विभांशु 12वीं में फेल हो गए और बाद में सप्लीमेंटरी से 42% अंकों के साथ पास हुए। लेकिन मां का सपना उनके दिल में बस गया।

इंटरर्नशिप में वॉशरूम साफ किया, बैच में किया टॉप

होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई शुरू करते ही विभांशु ने अपने जीवन की दिशा बदल दी। पहले ही साल में उन्होंने शानदार 94.2% अंकों के साथ पूरे बैच में टॉप किया। इसी दौरान, आईटीसी दार्जिलिंग में ट्रेनिंग के नाम पर उन्हें पूरे एक महीने तक वॉशरूम साफ करने का काम मिला, जिसके बदले उन्हें 500 रुपये मिले थे।

पढ़ाई के बाद उन्होंने नागपुर के प्राइड होटल में नौकरी की। फिर बहरीन में प्रमोशन पाने के लिए शाकाहारी होने के बावजूद नॉनवेज सर्व करना सीखा, जिससे उनकी सैलरी 50 दीनार (करीब 15,000 रुपये) बढ़ी। इसके बाद उन्होंने दुबई, अमेरिका और कनाडा में भी नौकरी की।

पिता के एक वाक्य ने बदला जीवन

जब सब कुछ ठीक चल रहा था, तभी उनके पिता को कैंसर हो गया। विभांशु भारत लौट आए। पिता के ऑपरेशन के बाद जब वे होश में आए, तो उन्होंने सिर्फ एक बात कही—"तू मेरा बेटा है, यहीं रह। कहीं मत जाना।” पिता के इस एक वाक्य ने विभांशु का जीवन बदल दिया और उन्होंने विदेश की नौकरी छोड़कर भारत में ही रहने का फैसला कर लिया।

भारत लौटकर उन्होंने गोवा और एक बड़ी फूड और बेवरेज कंपनी में सीनियर जनरल मैनेजर के तौर पर काम किया। एक साल बाद उन्हें लगा कि जब वह दूसरों के लिए ब्रांड बना सकते हैं, तो खुद का क्यों नहीं बना सकते।

लॉकडाउन में शुरू हुआ बिजनेस, फिर भी 250 आउटलेट

14 फरवरी 2020 को उन्होंने नौकरी छोड़कर अपनी कंपनी VVM Restaurant Consultants रजिस्टर की। 10 मार्च 2020 को नागपुर में "Chalu Chinese" का पहला आउटलेट खोला, लेकिन 10 दिन बाद ही देश में लॉकडाउन लग गया। महीनों बाद जुलाई 2020 में दोबारा शुरुआत की, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने फिर झटका दिया। वे कर्ज में डूब गए, लेकिन हिम्मत नहीं हारी।

आज, विभांशु की VVM Restaurant Consultants के पूरे भारत और कनाडा में 250 से अधिक आउटलेट हैं। उनके लोकप्रिय ब्रांड्स में “VV Burger” और “Banaras Wala” शामिल हैं। अपनी मां की याद में खोला गया “Banaras Wala” उनके लिए सबसे भावुक उपलब्धि साबित हुआ, क्योंकि इसके उद्घाटन के दिन उनके पिता ने 35 साल बाद उन्हें गले लगाया था। विभांशु कहते हैं कि उसी पल उनकी पूरी यात्रा पूर्ण हो गई।

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