यह कहानी है उस भारतीय महिला उद्यमी की, जिसने एक ऐसी समस्या को समझा जिसका सामना देश की करोड़ों महिलाएं करती हैं। हम बात कर रहे हैं ऋचा कर की, जिन्होंने महिलाओं के लिए इनरवियर खरीदने के अनुभव को पूरी तरह से बदल दिया और आज उनका ब्रांड Zivame ₹1600 करोड़ से ज्यादा की कंपनी बन चुका है।
35 लाख के कर्ज से हुई शुरुआत
ऋचा कर ने देखा कि भारत में महिलाओं को अक्सर सही फिटिंग और अच्छे डिज़ाइन के इनरवियर खरीदने में संकोच और दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को हल करने के लिए, साल 2011 में ऋचा ने सिर्फ 35 लाख रुपये का कर्ज लेकर 'Zivame' की शुरुआत की। उनका लक्ष्य था एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाना, जहां महिलाएं बिना किसी झिझक के अपनी पसंद के इनरवियर खरीद सकें।
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जब रतन टाटा ने किया भरोसा
कुछ ही वर्षों में Zivame महिलाओं के बीच इतना लोकप्रिय हो गया कि इसकी सफलता ने बड़े निवेशकों का ध्यान खींचा। साल 2015 में, बिजनेस जगत के दिग्गज रतन टाटा इस ब्रांड में निवेश करने वाले पहले निवेशक बने। इसके बाद, ऋचा ने केवल ऑनलाइन ही नहीं, बल्कि देश भर में ऑफलाइन स्टोर भी शुरू किए, जिससे ब्रांड की पहुंच और बढ़ गई।
आज Zivame भारत का एक जाना-माना नेशनल ब्रांड है, जिसकी कीमत 1600 करोड़ रुपये से अधिक है। ऋचा कर की यह कहानी साबित करती है कि अगर आपके पास साहस, एक बेहतरीन आइडिया और लगातार मेहनत करने का जज्बा हो, तो एक छोटा सा स्टार्टअप भी आसमान की बुलंदियों को छू सकता है।
