असम के गोलाघाट की 23 वर्षीय उमा चेत्री ने भारतीय क्रिकेट में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। उन्हें ICC महिला विश्व कप 2025 के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है, और इसके साथ ही वह नॉर्थईस्ट की पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं, जिन्हें यह सम्मान मिला है। चोटिल यास्तिका भाटिया की जगह चुनी गईं उमा, अब चंडीगढ़ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली तीन वनडे मैचों की सीरीज में भी खेल सकती हैं।
प्लास्टिक बैट से शुरू हुआ सफर
साल 2002 में एक छोटे किसान परिवार में जन्मीं उमा की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। उन्होंने अपनी मां से मिले एक प्लास्टिक बैट से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। परिवार में आर्थिक तंगी होने के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। स्थानीय कोच राजा रहमान और मेहबूब आलम के मार्गदर्शन में उनकी प्रतिभा निखरी और उन्होंने जल्द ही जिला खेल अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया।
उमा ने 2023 में इंडिया A के लिए ACC इमर्जिंग एशिया कप में खेलकर अपनी पहचान बनाई। इसके बाद, 2024 में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ T20I में डेब्यू किया और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा रहीं। हाल ही में, महिला प्रीमियर लीग में वह UP वॉरियर्स के लिए नौ मैच खेल चुकी हैं।
नॉर्थईस्ट के लिए गर्व का पल
अब तक सात T20I मैचों में 37 रन बनाने वाली उमा चेत्री की यह उपलब्धि सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे असम और नॉर्थईस्ट के लिए गर्व का विषय है। उनकी सफलता ने इस क्षेत्र की युवा लड़कियों को क्रिकेट में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया है। उमा की यह कहानी दिखाती है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।