भारत ने एक बार फिर दुनिया को अपनी आर्थिक ताकत का लोहा मनवाया है। चीन को पीछे छोड़ते हुए, अब हमारा देश निजी जेट (Private Jet) मार्केट में सबसे तेज़ी से बढ़ता हुआ बाजार बन गया है। 2021 से 2024 तक भारत का निजी जेट फ्लीट 25% बढ़ गया है, जबकि चीन का फ्लीट एक-तिहाई तक सिकुड़ गया।
आकाश में भारत का राज
आज भारत एशिया में सबसे ज्यादा निजी जेट मालिकों वाला देश है, जिसने चीन और ऑस्ट्रेलिया को भी पीछे छोड़ दिया है। भारत में मासिक निजी उड़ानों की संख्या 2,700 से ज्यादा हो गई है, जो पूरे एशिया में सबसे ज्यादा है। यह उछाल सिर्फ लग्जरी का संकेत नहीं है, बल्कि यह भारत की बढ़ती हुई आर्थिक ताकत को दिखाता है।
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तेज जीडीपी ग्रोथ और बिजनेस में तेजी
इस शानदार ग्रोथ के पीछे कई वजहें हैं। भारत की तेज जीडीपी ग्रोथ, अल्ट्रा-हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (UHNWIs) की बढ़ती संख्या और बड़े शहरों के बीच बढ़ते व्यापार ने समय बचाने के लिए निजी जेट्स को एक जरूरत बना दिया है। नए एयरपोर्ट्स, प्राइवेट टर्मिनल्स और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर ने इस विकास को और गति दी है। 2024 में भारत का प्राइवेट एविएशन मार्केट 500 मिलियन डॉलर से ऊपर पहुंच गया, और अनुमान है कि 2029 तक यह 700 से ज्यादा जेट्स वाला देश बन जाएगा। एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की 11% सालाना ग्रोथ सबसे तेज है।
यह उपलब्धि सिर्फ उड़ानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मेंटेनेंस, मैनेजमेंट और अन्य सेवाओं में हजारों नई नौकरियां भी पैदा कर रही है। यह साबित करता है कि 'मेक इन इंडिया' सिर्फ जमीन पर ही नहीं, बल्कि आकाश में भी उड़ान भर रहा है। भारत अब एक ग्लोबल प्लेयर बन चुका है, जो अपनी आर्थिक ताकत के दम पर दुनिया को दिखा रहा है कि असली प्रगति क्या होती है।