पति ने छोड़ी लाखों की नौकरी, पत्नी के साथ मिलकर बनाई ₹17 करोड़ की कंपनी; जानें इस कपल की अनोखी कहानी

पति ने छोड़ी लाखों की नौकरी, पत्नी के साथ मिलकर बनाई ₹17 करोड़ की कंपनी; जानें इस कपल की अनोखी कहानी

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बेंगलुरु के एक कपल, प्रशांत वस्त्रेड और डॉ. यमुना की कहानी यह साबित करती है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है। प्रशांत ने 2018 में अपनी अच्छी-खासी मल्टीनेशनल कंपनी (MNC) की नौकरी छोड़कर एक जोखिम भरा फैसला लिया और अपनी पत्नी के आयुर्वेदिक क्लिनिक को एक बड़े ब्रांड में बदलने का बीड़ा उठाया। आज उनकी यह मेहनत 17 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाली कंपनी बन चुकी है।

नौकरी छोड़ पत्नी के सपने को दिया साथ

प्रशांत वस्त्रेड ने प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (PwC) में अपनी शानदार नौकरी छोड़ दी और भारत वापस लौट आए। यहां उन्होंने अपनी पत्नी डॉ. यमुना के साथ हाथ मिलाया, जो 2013 से बेंगलुरु में एक आयुर्वेदिक क्लिनिक चला रही थीं। प्रशांत ने अपनी बचत के पैसों से 2019 में 'गुडुची आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड' की शुरुआत की। उन्होंने उडुपी में एक घाटे में चल रही मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी संभाला और यहीं से उनकी सफलता का सफर शुरू हुआ।

चुनौतियों से लड़कर मिली पहली सफलता

शुरुआती दौर में इस कपल को कई मुश्किलें आईं। उन्होंने क्लिनिक के लिए लिया गया बैंक लोन भी उत्पादों पर शोध और विकास में लगाया। उनका पहला उत्पाद खांसी की दवाई थी, जिसने दो दिनों में खांसी ठीक करने का वादा किया। इस उत्पाद को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया ने उनके विश्वास को और मजबूत किया। जल्द ही उन्होंने अपनी वेबसाइट लॉन्च की और अमेजन, मीशो और टाटा 1 एमजी जैसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर अपने उत्पाद बेचना शुरू कर दिया।

बचपन का संघर्ष और सफलता का मंत्र

प्रशांत की सफलता के पीछे उनके बचपन का संघर्ष भी है। कर्नाटक के एक छोटे से गांव में पले-बढ़े प्रशांत के पिता की एक छोटी सी मिठाई की दुकान थी। लेकिन प्रशांत की अंग्रेजी सीखने की ललक ने उन्हें आगे बढ़ाया। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने नौकरी की, लेकिन अंततः अपने असली जुनून और पत्नी के सपने को पूरा करने के लिए सब कुछ छोड़ दिया।

आज 'गुडुची' की सफलता का सबसे बड़ा कारण दोनों पति-पत्नी के बीच जिम्मेदारियों का स्पष्ट बंटवारा है। प्रशांत प्रोडक्शन और बिजनेस ऑपरेशन देखते हैं, जबकि डॉ. यमुना क्लिनिक और मैन्युफैक्चरिंग का काम संभालती हैं। आज उनकी टीम में 50 से अधिक कर्मचारी हैं और उनकी कंपनी सरकारी एजेंसियों को भी दवाएं बेचती है। प्रशांत का मानना है कि बिजनेस शुरू करना एक निडर फैसला होता है, जो जीवन को नया दृष्टिकोण देता है और सफलता के नए रास्ते खोलता है।

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