कोर्ट टाइपिस्ट की बेटी बनी IPS, रेत माफिया से लिया पंगा; जानें कैसे पूरा किया देश सेवा का सपना

कोर्ट टाइपिस्ट की बेटी बनी IPS, रेत माफिया से लिया पंगा; जानें कैसे पूरा किया देश सेवा का सपना

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मिलिए आईपीएस अंजना कृष्णा से, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि बड़े सपने किसी की आर्थिक पृष्ठभूमि के मोहताज नहीं होते। उनकी कहानी हर उस युवा के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखता है।

साधारण परिवार से IPS बनने का सफर

अंजना कृष्णा की माँ एक कोर्ट में टाइपिस्ट हैं और उनके पिता एक छोटे दुकानदार हैं। सीमित साधनों के बावजूद, अंजना बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होशियार और मेहनती रही हैं। उन्होंने बीएससी (गणित) की पढ़ाई पूरी की, लेकिन उनका एकमात्र लक्ष्य देश की सेवा करना था।

अपने इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई और साल 2022 में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 355 हासिल करके भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में अपनी जगह बनाई।

रेत माफिया के खिलाफ लड़ी जंग

आईपीएस बनने के बाद उनका करियर साहस और ईमानदारी का एक बड़ा उदाहरण बन गया। महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के कर्माला में सब-डिवीजनल पुलिस ऑफिसर (एसडीपीओ) रहते हुए, उन्हें अपनी पहली बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा - अवैध रेत खनन (सैंड माफिया) के खिलाफ जंग।

एक ऑपरेशन के दौरान उन्होंने किसी भी दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया और कानून का पालन सुनिश्चित किया। उनकी निडरता ने न केवल सुर्खियां बटोरीं, बल्कि उन्हें पूरे देश में सम्मान भी दिलाया। अंजना कृष्णा का जीवन यह संदेश देता है कि अगर आपके इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मुश्किल आपके सपनों को रोक नहीं सकती।

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