अमेरिकी रिटेलर्स ने भारतीय निर्यातकों से अगली सूचना तक कपड़े की शिपमेंट रोकने को कहा, जिससे व्यापार में भारी गिरावट का अंदेशा।
नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% का भारी-भरकम टैरिफ (आयात शुल्क) लगाए जाने के बाद, जिस बात का डर भारतीय निर्यातकों को था, वह अब सच साबित हो रहा है। वॉलमार्ट, अमेजन, टारगेट और गैप जैसे बड़े अमेरिकी खुदरा विक्रेताओं ने भारत से आने वाले कपड़ों के ऑर्डर रोक दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी खरीदारों से ईमेल और लेटर मिले हैं, जिनमें उन्हें अगली सूचना तक कपड़ों की शिपमेंट रोकने के लिए कहा गया है।
लागत 35 फीसदी तक बढ़ जाएगी
दरअसल, अमेरिकी कंपनियां चाहती हैं कि टैरिफ से बढ़ी हुई लागत का बोझ भारतीय निर्यातक उठाएं। इस नए टैरिफ से अमेरिका में बिकने वाले सामानों की लागत में 30 से 35 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। वेलस्पन लिविंग, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, इंडो काउंट और ट्राइडेंट जैसे भारत के बड़े निर्यातक अपनी 40 से 70 फीसदी तक की बिक्री अमेरिका में करते हैं, और अब उन्हें सीधा नुकसान होने का खतरा है।
जानकारों का मानना है कि अमेरिका जाने वाले ऑर्डर रुकने से भारत के व्यापार में 40 से 50 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है। भारत से सबसे ज्यादा मात्रा में कपड़े अमेरिका को निर्यात किए जाते हैं, लेकिन टैरिफ बढ़ने से ये ऑर्डर अब बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों को मिल सकते हैं, जहां शुल्क कम है।
भारत के मुकाबले बांग्लादेश-वियतनाम को फायदा
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50% का टैरिफ लगाया है, जबकि बांग्लादेश और वियतनाम पर यह सिर्फ 20% है। भारत ने ट्रंप के इस फैसले को 'अतार्किक' बताते हुए इसका विरोध किया था, लेकिन ट्रंप अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। फिलहाल, जब तक कोई नई ट्रेड डील नहीं हो जाती, तब तक इस समस्या के सुलझने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है।