अमेरिका के सख्त टैरिफ से बचने के लिए भारतीय कंपनियां विदेशी ज़मीन पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की तैयारी में हैं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था और रोजगार पर असर पड़ सकता है।
नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारतीय सामानों पर 50% का भारी-भरकम टैरिफ लगाने से भारतीय कंपनियों में खलबली मच गई है। इस बड़े बदलाव के बाद, कई देसी कंपनियां अब विदेशों में अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के बारे में सोच रही हैं। अगर ऐसा होता है तो यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, क्योंकि इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ेगा। कंपनियां ऐसा इसलिए कर रही हैं ताकि बढ़े हुए टैक्स से होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमूल और आईटीसी जैसे भारत के बड़े उपभोक्ता सामान बनाने वाले ब्रांड नए रास्ते तलाश रहे हैं। वे ऐसे देशों में फैक्ट्री लगाने पर विचार कर रहे हैं, जहां अमेरिका के साथ व्यापार की शर्तें आसान हों, या फिर सीधे अमेरिका में ही उत्पादन शुरू करें। इससे वे अपने उत्पादों की लागत को काबू में रख पाएंगे और व्यापार पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।
सिर्फ यही नहीं, पार्ले प्रोडक्ट्स, एडलवाइस एग्रो बिज़नेस (AWL Agri Business) और गोदरेज कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी कंपनियां भी अमेरिका में आटा, नूडल्स, बिस्किट, फ्रोजन फूड और डेयरी उत्पाद बेचती हैं। ये सामान ज्यादातर भारतीय प्रवासियों की जरूरतों को पूरा करने वाले स्टोर्स पर मिलते हैं।
क्या अमूल अमेरिका में बनाएगा पनीर?
अमूल पहले से ही अमेरिका में दूध का उत्पादन और बिक्री करता है, जिससे लागत कम रहती है। अब कंपनी वहीं पर पनीर, चीज और बटर का उत्पादन भी शुरू करने की योजना बना रही है। इस कदम से उन्हें इन उत्पादों को भारत से आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर जयेन मेहता ने बताया कि अमेरिका में डेयरी उत्पादों पर पहले से ही 60-70% का भारी टैक्स लगता है। अब डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित 50% के अतिरिक्त शुल्क के बाद भारत से होने वाला निर्यात बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं रहेगा। उनका कहना है कि इस तरह के टैक्स का बोझ अंततः ग्राहकों पर ही पड़ता है।
बुधवार को ट्रंप ने भारत पर टैरिफ दोगुना कर 50% कर दिया था, जिससे भारतीय निर्यातकों में चिंता बढ़ गई है। हालांकि, अमेरिका को होने वाला निर्यात अभी भारतीय कंपनियों की कुल कमाई का छोटा हिस्सा है, लेकिन यह पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ रहा है।
आईटीसी का क्या है प्लान?
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आईटीसी दुबई से बिस्किट, फ्रोजन फूड, झींगे और रेडी-टू-ईट उत्पादों को अमेरिका भेजने की सोच रही है। कंपनी अगले कुछ महीनों में इस पर अंतिम फैसला लेगी, यह देखते हुए कि क्या अमेरिका अपनी हाई टैरिफ की नीति जारी रखता है या नहीं। फिलहाल, आईटीसी अमेरिका भेजे जाने वाले आटे की पैकिंग दुबई में करती है, क्योंकि भारत से गेहूं और उससे बने उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध है।
अमेरिका ने यूएई से आने वाले सामान पर 10% और मेक्सिको से आने वाले सामान पर 25% का टैरिफ लगाया हुआ है। एयर-कंडीशनर बनाने वाली कंपनी ब्लू स्टार के प्रबंध निदेशक बी. थियागराजन ने बताया कि उनके पास मेक्सिको में प्लांट लगाने का विकल्प है, ताकि वहां से सीधे अमेरिका को सामान भेजा जा सके।