प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए 'मिशन सुदर्शन चक्र' की शुरुआत की है। यह मिशन इजराइल के 'आयरन डोम' जैसी एक नई स्वदेशी रक्षा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करना है। इजराइल का आयरन डोम सिस्टम अपने लक्ष्यों को भेदने में बेहद सफल रहा है।
यह स्वदेशी प्रणाली 2035 तक देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे, सैन्य ठिकानों, अस्पतालों, रेलवे, और यहां तक कि मंदिरों और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों की भी रक्षा करेगी।
क्या है 'मिशन सुदर्शन चक्र'?
प्रधानमंत्री ने इस नई प्रणाली को देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम बताया है। 'मिशन सुदर्शन चक्र' के तहत भारत अपनी खुद की एक उन्नत हवाई रक्षा प्रणाली विकसित करेगा। यह प्रणाली मिसाइल, रॉकेट और ड्रोन जैसे खतरों को हवा में ही पहचान कर उन्हें नष्ट करने में सक्षम होगी।
क्यों है यह इतना खास?
इजराइल का 'आयरन डोम' सिस्टम हवाई हमलों को रोकने में अपनी सफलता के लिए जाना जाता है। 'मिशन सुदर्शन चक्र' का लक्ष्य भी उसी तरह की क्षमता हासिल करना है, लेकिन यह पूरी तरह से भारत में ही विकसित की जाएगी। इस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, जिसमें सबसे पहले महत्वपूर्ण सरकारी और सैन्य प्रतिष्ठानों को सुरक्षा कवच दिया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य 2035 तक पूरे देश को इस रक्षा प्रणाली के दायरे में लाना है, जिससे भविष्य में किसी भी बाहरी हवाई हमले से देश को सुरक्षित रखा जा सके। यह घोषणा भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।