प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से युवाओं के लिए एक बड़ी सौगात की घोषणा की है। 'प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना' के तहत, पहली बार निजी क्षेत्र में नौकरी पाने वाले युवाओं को सरकार ₹15,000 की सहायता देगी। इस योजना से 3.5 करोड़ से अधिक युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मेरे देश के युवा, आज 15 अगस्त है, और आज ही के दिन हम अपने देश के युवाओं के लिए एक लाख करोड़ रुपये की योजना शुरू कर रहे हैं। आज से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लागू की जा रही है... इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को सरकार की तरफ से ₹15,000 दिए जाएंगे। जो कंपनियां अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेंगी, उन्हें भी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।" उन्होंने कहा कि इस योजना से लगभग 3.5 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
कौन होगा इस योजना के लिए पात्र?
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत पहली बार निजी क्षेत्र में नौकरी पाने वाले युवाओं को ₹15,000 की मदद दी जाएगी। साथ ही, उन्हें नौकरी देने वाली कंपनियों को भी प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
'प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना' का लक्ष्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियां पैदा करना है। इसके लिए ₹99,446 करोड़ का बजट तय किया गया है। इन नौकरियों में से 1.92 करोड़ नौकरियां उन युवाओं के लिए होंगी जो पहली बार कार्यबल में शामिल हो रहे हैं। इस योजना का लाभ उन नौकरियों पर लागू होगा जो 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच पैदा होंगी। योजना का नाम 'विकसित भारत' पहल के अनुरूप रखा गया है, जो समावेशी और स्थायी रोजगार पैदा करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ऐसे मिलेगी मदद
इस योजना के दो भाग हैं: पार्ट ए पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों के लिए है और पार्ट बी नियोक्ताओं के लिए है।
पार्ट ए के तहत, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में पंजीकृत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को एक महीने के ईपीएफ वेतन के बराबर, अधिकतम ₹15,000 की राशि, दो किस्तों में दी जाएगी। इस योजना के लिए ₹1 लाख तक की मासिक आय वाले कर्मचारी पात्र होंगे। पहली किस्त छह महीने की सेवा के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और एक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद मिलेगी। बचत को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के बचत साधन या जमा खाते में रखा जाएगा, जिसे बाद में निकाला जा सकेगा।
पार्ट बी के तहत, नियोक्ताओं को ₹1 लाख तक कमाने वाले कर्मचारियों को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार दो साल तक प्रति अतिरिक्त कर्मचारी को प्रति माह ₹3,000 तक का प्रोत्साहन देगी, बशर्ते वह रोजगार कम से कम छह महीने तक बना रहे। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में, यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे साल तक भी बढ़ाया जाएगा।
EPFO में पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारियों (यदि उनके पास 50 से कम कर्मचारी हैं) या कम से कम पांच अतिरिक्त कर्मचारियों (यदि 50 या अधिक कर्मचारी हैं) को काम पर रखना होगा, और उन्हें कम से कम छह महीने तक बनाए रखना होगा। पार्ट ए के तहत कर्मचारियों को भुगतान आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम (ABPS) का उपयोग करके डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किया जाएगा। वहीं, पार्ट बी के तहत नियोक्ताओं को भुगतान उनके पैन-लिंक्ड बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर किया जाएगा।