MNC की लाखों की नौकरी को कहा अलविदा! MBA कर खेती में लगाया दिमाग, अब कमा रहे करोड़ों

MNC की लाखों की नौकरी को कहा अलविदा! MBA कर खेती में लगाया दिमाग, अब कमा रहे करोड़ों

Title

कॉर्पोरेट सेक्टर का तनाव छोड़, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के विजय सिंह ने खेती को अपना करियर बनाया और एक ऐसा मॉडल विकसित किया, जिससे आज वह लाखों की कमाई कर रहे हैं। एमबीए की डिग्री वाले विजय ने 10 साल तक मल्टीनेशनल कंपनी (MNC) में काम करने के बाद 2019 में नौकरी छोड़ दी। उनका उद्देश्य था: स्वस्थ जीवन जीना और रसायन मुक्त खेती करना।

हाई-वैल्यू इंटरक्रॉपिंग फार्म मॉडल

विजय सिंह ने 'हाई-वैल्यू इंटरक्रॉपिंग फार्मिंग' का एक खास मॉडल विकसित किया, जो कम लागत में ज्यादा मुनाफा देता है। उन्हें प्राकृतिक खेती की प्रेरणा 2015 में इंडिया गेट के पास एक 'ऑर्गेनिक बाजार' से मिली थी। शुरुआत में उन्होंने Co 0238 किस्म के गन्ने को लगाया। पहले साल में कम उत्पादन (300 क्विंटल) और कीटों के हमले के बावजूद, उन्होंने 2 लाख रुपये का गुड़ बेचकर और बाकी गन्ना बेचकर कुल ₹2.70 लाख रुपये कमाए।

रिंग पिट तकनीक से किया क्रांतिकारी बदलाव

शुरुआती कमियों को दूर करने के लिए विजय ने मिट्टी की उर्वरता पर ध्यान दिया और खेत पर जीवामृत, घनजीवामृत और गोबर की खाद तैयार करना शुरू किया। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव उन्होंने 'रिंग पिट तकनीक' अपनाकर किया। इस लागत प्रभावी तकनीक में गड्ढे खोदकर जैविक खाद से भरा जाता है और गन्ने के सेटों को गोलाकार पैटर्न में लगाया जाता है। 5 फीट की पंक्ति-से-पंक्ति और 2 फीट की गड्ढे-से-गड्ढे की दूरी से बेहतर वेंटिलेशन और धूप मिलती है, जिससे कीटों की समस्या कम होती है और हर गड्ढे में 25-30 गन्ने के पौधे बढ़ते हैं। इस तकनीक से अब उन्हें दो एकड़ से लगभग 600 क्विंटल गन्ने की पैदावार मिल रही है।

वैल्यू एडिशन से 75% ज्यादा मुनाफा

विजय सिंह की सफलता का मुख्य कारण गन्ने को सीधे बेचना नहीं, बल्कि उसका मूल्यवर्धन (Value Addition) करना है। वह गन्ने को सादे गुड़ के साथ-साथ इलायची और ड्राई फ्रूट जैसे फ्लेवर वाले गुड़ में प्रोसेस करते हैं। जहां दो एकड़ से सीधे गन्ना बेचने पर कम मुनाफा होता है, वहीं गुड़ बनाकर वह लगभग 8 लाख रुपये कमाते हैं। इसमें उनका शुद्ध लाभ ₹6 लाख रुपये (यानी ₹3 लाख रुपये प्रति एकड़) होता है, जो उन्हें 75% का शानदार प्रॉफिट मार्जिन देता है। वह अपने उत्पादों को दिल्ली और पश्चिम बंगाल में बेचते हैं।

विजय अब हल्दी और सहजन (200 पौधे) के साथ मल्‍टीक्रॉपिंग भी कर रहे हैं। वह दूसरे किसानों को भी प्राकृतिक खेती से जोड़ रहे हैं और सुझाव देते हैं कि छोटे किसान भी इंटरक्रॉपिंग खेती शुरू करके ₹25,000 से ₹30,000 रुपये मासिक कमा सकते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने