21 वर्षीय श्रद्धा रांगढ़ ने शुद्ध दृढ़ संकल्प को विश्व-विजेता जीत में बदल दिया है। फरीदाबाद की रहने वाली, इस सेल्फ-टॉट (स्व-शिक्षित) किकबॉक्सर ने तमाम बाधाओं—रूढ़िवादी पारिवारिक माहौल, पैसों की तंगी और औपचारिक कोचिंग की कमी—को पार करते हुए इतिहास रच दिया है।
बिना कोच YouTube से सीखी ट्रेनिंग
श्रद्धा 2025 में अबू धाबी में आयोजित वर्ल्ड किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप में फॉर्म्स कैटेगरी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं।
- लॉकडाउन ट्रेनिंग: 2020 के लॉकडाउन के दौरान, उन्होंने गुप्त रूप से अपनी छत पर सिर्फ YouTube को अपना गुरु बनाकर ट्रेनिंग की।
- खुद फंड जुटाया: उन्होंने ऑनलाइन मार्शल आर्ट्स क्लासेज और ब्रांड डील से होने वाली आय से अपनी पूरी यात्रा (टूर्नामेंट फीस से लेकर अंतर्राष्ट्रीय यात्रा तक) के लिए खुद ही पैसे जुटाए।
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घुटने में चोट के बावजूद नेशनल में 3 गोल्ड
श्रद्धा की दृढ़ता का एक अद्भुत उदाहरण तब देखने को मिला, जब नेशनल चैंपियनशिप से सिर्फ पाँच दिन पहले उनके घुटने का कार्टिलेज फट गया था। इस गंभीर चोट के बावजूद, उन्होंने नेशनल में भाग लिया और तीन स्वर्ण पदक जीते। इसी जीत ने उन्हें वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कराया, जहाँ उन्होंने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता।
आज वह कई पुरस्कारों के साथ एक वर्ल्ड-रैंक एथलीट हैं। श्रद्धा लिंग रूढ़िवादिता को तोड़ रही हैं और युवा एथलीटों को प्रेरित कर रही हैं। अब उनकी निगाहें 2027 में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक पर टिकी हैं।
