कभी मत हार मानो! कश्मीर की आसिया बेगम की कहानी अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। उन्होंने एक के बाद एक कई त्रासदी झेलीं—पहले पति को भारतीय सेना में एक मुठभेड़ में खो दिया, और फिर दूसरी शादी के बाद उनका पूरा घर आग में जलकर राख हो गया।
जब सब कुछ खत्म हो गया, तब भी आसिया ने हार नहीं मानी। वह अपने पिता के घर लौट आईं और अपने मकान की छोटी सी छत पर मशरूम और सब्जियां उगाना शुरू किया। आज वह इस काम से सालाना लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं।
मुश्किलों का पहाड़ और समाज का ताना
आसिया के लिए यहाँ तक पहुँचना आसान नहीं था। साल 2015 में उनके पति, जो भारतीय सेना में थे, उत्तरी कश्मीर में एक दुखद मुठभेड़ में शहीद हो गए। आसिया बताती हैं कि इस दुख के साथ ही लोग उन्हें ‘युवा विधवा’ कहकर ताना मारते थे, जिससे उन्होंने दबाव में आकर 2017 में दूसरी शादी कर ली।
लेकिन जल्द ही उन पर एक और मुसीबत आ गई। एक भयानक आग ने उनके पूरे मकान को जलाकर राख कर दिया, जिससे वह और उनके पति बेघर हो गए। ऐसे में, आसिया अपने पिता के घर लौट आईं और उन्होंने वहीं से नई शुरुआत करने का फैसला किया।
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कमांडेंट की सलाह से शुरू हुई नई ज़िंदगी
आसिया को खेती का विचार अचानक नहीं आया। वह बताती हैं कि जब वह अपने पहले पति की बटालियन में उन्हें श्रद्धांजलि देने गई थीं, तब कमांडेंट ने उन्हें मशरूम उगाने का सुझाव दिया ताकि वह व्यस्त रह सकें और भावनात्मक तनाव को संभाल सकें।
उन्होंने 10x10 फीट के अपने कमरे में छोटे पैमाने पर मशरूम की खेती शुरू की। बाद में, मशरूम से बने वर्मीकम्पोस्ट (खाद) का उपयोग करके छत पर सब्जियां उगाने का फैसला किया। उन्होंने प्लास्टिक की टोकरियों में (जमीन न होने के कारण) कोलार्ड ग्रीन्स, प्याज, आलू, बैंगन, टमाटर और विभिन्न प्रकार के पौधे उगाना शुरू किया।
आज लाखों की कमाई, दूसरों को भी दे रहीं सहारा
आज आसिया हर महीने लगभग 50 से 60 किलो मशरूम का उत्पादन करती हैं। वह न केवल अपने उत्पाद बेचती हैं, बल्कि जिले की अन्य महिलाओं और छोटे किसानों द्वारा उगाए गए मशरूम की भी मार्केटिंग करती हैं।
आसिया की मासिक आय कई स्रोतों से आती है:
- मशरूम से: लगभग ₹20,000
- सब्जियों से: ₹10,000
- पौधों (सीडलिंग्स) से: ₹7,000 से ₹10,000
- घर के बने मसालों से: अतिरिक्त कमाई
ऐसे में, उन्हें हर महीने ₹35,000 से ₹40,000 की कमाई होती है, जो सालाना करीब ₹5 लाख तक पहुँच जाती है। आसिया ने दिखाया है कि हौसला और मेहनत हो, तो विपरीत परिस्थितियों में भी एक सफल ज़िंदगी बनाई जा सकती है।
