पानी बचाना और पर्यावरण को साफ रखना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। इसी सोच के साथ मोदी नगर की दो बहनों—करिश्मा और उनकी बड़ी बहन—ने अपना अनोखा स्टार्टअप शुरू किया। उनका ब्रांड ‘मां पानी’ लोगों को ऐसे उत्पाद देता है जो पानी को प्रदूषित न करें और पूरी तरह प्राकृतिक हों।
एक व्यक्ति बर्बाद करता है 50 लीटर पानी!
करिश्मा बताती हैं कि जब वह आर्किटेक्चर में इंटर्न थीं, तब उन्हें पता चला कि हर दिन हर व्यक्ति 20-50 लीटर पानी रासायनिक मिश्रणों के साथ बर्बाद करता है। यह आंकड़ा उन्हें प्राकृतिक और जल संरक्षण से जुड़े उत्पाद बनाने के लिए प्रेरित करता है। उनका मकसद है कि लोग पारंपरिक नुस्खों को अपनाकर न केवल पानी बचाएं, बल्कि पर्यावरण को भी साफ रखें।
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टूथपेस्ट का दिया प्राकृतिक ऑप्शन
‘मां पानी’ का सबसे फेमस प्रोडक्ट है टूथ पाउडर, जो पूरी तरह टूथपेस्ट का प्राकृतिक ऑप्शन है। इसमें लौंग, गुलाबी नमक, हल्दी, नीम, अदरक और सौंफ के बीज जैसे प्राकृतिक तत्व शामिल होते हैं। इसे दांत साफ करने और मसाज दोनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसी तरह, पुराने पारंपरिक नुस्खों से साबुन और शैम्पू भी तैयार किए जाते हैं।
बायोडिग्रेडेबल दीये और अपसायकल्ड उत्पाद
इन बहनों ने बायोडिग्रेडेबल दीये भी बनाए हैं। ये दीये बिना पकाए बनाए जाते हैं और इनमें बीज शामिल होते हैं। पूजा के बाद ये या तो पौधे बन जाएंगे या मिट्टी के लिए खाद बनेंगे। दीयों के लिए अपसायकल्ड लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है, यानी कचरे में जाने वाली लकड़ी को नया जीवन दिया जाता है। इसी तरह उनके बैग और कार्ट्स भी अपसायकल्ड सामग्री से बनाए जाते हैं।
₹50 लाख का कारोबार, महिलाओं को रोजगार
‘मां पानी’ की शुरुआत 2017 में रिसर्च से हुई और 2019 में इसे कंपनी के रूप में रजिस्टर किया गया। आज यह एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है।
- पिछले साल का कारोबार: ₹35-50 लाख रुपए।
- टीम: बाकी दिनों में 12-15 महिलाएं काम करती हैं और त्योहारों में यह संख्या बढ़कर 30 हो जाती है।
करिश्मा और उनकी बहन का मानना है कि छोटे-छोटे बदलाव हमारे जीवन में बड़ा फर्क ला सकते हैं। उनके प्रोडक्ट यह दिखाते हैं कि स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं।
