बिहार के चंपारण जिले के 18 वर्षीय आदर्श कुमार ने अपनी असाधारण प्रतिभा से पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। लंदन में 1 अक्टूबर 2025 को आयोजित समारोह में उन्हें प्रतिष्ठित 'चेग.ऑर्ग ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025' से सम्मानित किया गया। गरीबी में पली-बढ़ी इस युवा ने 148 देशों के 11,000 से अधिक आवेदनों में से यह पुरस्कार जीता है।
मातृत्व शक्ति और जुनून की कहानी
आदर्श की मां ने घरों में काम करके उन्हें लैपटॉप दिलाया, जिस पर आदर्श ने कोडिंग सीखी। बेहतर शिक्षा के लिए उनके भीतर इतना जुनून था कि 14 साल की छोटी सी उम्र में वह मात्र ₹1,000 लेकर अकेले कोटा के लिए रवाना हो गए। अपनी मेहनत के दम पर, वह जयश्री पेरिवाल इंटरनेशनल स्कूल, जयपुर में 30 लाख रुपये की फुल स्कॉलरशिप हासिल करने वाले पहले छात्र बने।
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युवाओं को जोड़ने वाला प्लेटफॉर्म 'स्किल्ज़ो'
आदर्श ने 'स्किल्ज़ो' (Skillzo) नाम से एक मेंटरशिप प्लेटफॉर्म बनाया है, जो ग्रामीण छात्रों को शिक्षा और गाइडेंस से जोड़ता है। वह बिहार छात्र संसद के मुख्यमंत्री अधिकारी (CMO) भी हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने 1,500 से अधिक युवाओं को गवर्नेंस से जोड़ा और 36,000 डॉलर (करीब 30 लाख रुपये) की फंडिंग जुटाई। साथ ही, गूगल यूथ एडवाइजर के रूप में उन्होंने 52 वैश्विक लीडर्स के साथ मिलकर टेक पॉलिसी पर भी काम किया है।
पुरस्कार राशि से शुरू करेंगे AI प्लेटफॉर्म
इस पुरस्कार के तहत मिली 1,00,000 डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) की राशि से, आदर्श 'स्किल्ज़ोएक्स' (SkillzoX) नामक AI-पावर्ड लो-बैंडविड्थ प्लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे। यह प्लेटफॉर्म बिहार जैसे ग्रामीण इलाकों के छात्रों को स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के मेंटर्स से जोड़ेगा। इसके अलावा, वह 'इग्नाइट फेलोशिप' के माध्यम से युवा चेंजमेकर्स को ग्लोबल एक्सेलेरेटर देंगे। आदर्श कुमार की यह जीत यह साबित करती है कि अगर इरादे मज़बूत हों, तो गाँव की मिट्टी भी विश्व पटल पर चमक सकती है। उनका संदेश है: "बदलाव खुद से शुरू होता है, सपने बड़े देखो!"
