भारत में हाइड्रोजन क्रांति! गडकरी जी ने 500 करोड़ के हाइड्रोजन हाईवे की घोषणा की, जानें कैसे बदलेगी देश की किस्मत

भारत में हाइड्रोजन क्रांति! गडकरी जी ने 500 करोड़ के हाइड्रोजन हाईवे की घोषणा की, जानें कैसे बदलेगी देश की किस्मत

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भारत ने साफ-सुथरी और प्रदूषण-मुक्त लंबी दूरी की यात्रा के लिए अपना पहला हाइड्रोजन हाईवे लॉन्च कर दिया है। 26 सितंबर 2025 को वर्ल्ड हाइड्रोजन इंडिया समिट में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस ऐतिहासिक कदम का ऐलान किया।

₹500 करोड़ के बजट से शुरू होगा ट्रायल

सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए ₹500 करोड़ का बजट आवंटित किया है। पांच कंसोर्टियम को देश के 10 प्रमुख रूट्स पर ट्रायल के लिए 37 हाइड्रोजन ट्रक दिए गए हैं। ये कॉरिडोर इंडस्ट्री क्लस्टर्स, पोर्ट्स और फ्रेट रूट्स को आपस में जोड़ेंगे, जिनमें ग्रेटर नोएडा-दिल्ली-आगरा, भुवनेश्वर-कोणार्क-पुरी, पुणे-मुंबई और जामनगर-अहमदाबाद जैसे महत्वपूर्ण रास्ते शामिल हैं।

आयात पर निर्भरता होगी कम

नितिन गडकरी ने इस मौके पर कहा, "हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है।" उन्होंने बताया कि भारत अपनी 87% कच्चे तेल की जरूरत को आयात से पूरा करता है, जिस पर सालाना ₹22 लाख करोड़ का भारी खर्च होता है। यह हाइड्रोजन हाईवे प्रोजेक्ट इस खर्च को कम करने में मदद करेगा। इस प्रोजेक्ट में टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड, वॉल्वो, बीपीसीएल, आईओसीएल, एनटीपीसी और रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियां भागीदार हैं। ट्रायल को सपोर्ट करने के लिए नौ हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।

लाखों नई नौकरियां पैदा होंगी

भारत सरकार ने 2030 तक 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है, जिससे लगभग 6 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी और ₹8 लाख करोड़ का निवेश आएगा। यह कदम 2050 तक 3.6 गीगाटन CO2 उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करेगा। गडकरी का विजन सिर्फ हाइड्रोजन वाहनों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हाइड्रोजन वैल्यू चेन, जैसे कम्प्रेशन, स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन को भी मजबूत करना है। उनका मानना है कि भारत को कृषि को ऊर्जा का पावरहाउस बनाना चाहिए और हाइड्रोजन का एक्सपोर्टर बनना चाहिए। यह कदम भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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