सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: 2 साल में TET पास करो वरना नौकरी से दो इस्तीफा! जानें शिक्षकों पर क्या पड़ेगा असर?

सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: 2 साल में TET पास करो वरना नौकरी से दो इस्तीफा! जानें शिक्षकों पर क्या पड़ेगा असर?

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सुप्रीम कोर्ट ने देश में शिक्षकों को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है, जिसका सीधा असर लाखों सेवारत टीचर्स पर पड़ेगा। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अपनी सर्विस में बने रहने या प्रमोशन पाने के लिए सभी शिक्षकों को टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना अनिवार्य होगा। कोर्ट ने इसके लिए दो साल का समय दिया है। अगर कोई शिक्षक इस अवधि में यह परीक्षा पास नहीं कर पाता, तो उसे अपनी नौकरी से इस्तीफा देना होगा।

इन शिक्षकों को मिली है राहत

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेष अधिकार (आर्टिकल 142) का इस्तेमाल करते हुए कुछ शिक्षकों को राहत भी दी है। जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति में 5 साल से कम का समय बचा है, वे TET पास किए बिना भी अपनी नौकरी में बने रह सकते हैं। लेकिन, इसके लिए एक शर्त है: वे इस दौरान किसी भी तरह के प्रमोशन के हकदार नहीं होंगे।

इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिलहाल अल्पसंख्यक संस्थानों में पढ़ा रहे शिक्षकों पर TET पास करने की यह अनिवार्यता लागू नहीं होगी। इस पर आगे चलकर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच फैसला करेगी कि क्या RTE एक्ट अल्पसंख्यक संस्थानों पर लागू होता है या नहीं।

क्या है TET परीक्षा?

TET यानी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट एक योग्यता परीक्षा है, जो भारत में शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आयोजित की जाती है। यह परीक्षा केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्राथमिक (कक्षा 1-5) और उच्च प्राथमिक (कक्षा 6-8) स्तर पर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की योग्यता निर्धारित करने के लिए ली जाती है। केंद्र स्तर पर इसे CTET (Central Teacher Eligibility Test) और राज्य स्तर पर अलग-अलग राज्यों द्वारा आयोजित किया जाता है, जैसे UPTET, REET, आदि।

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