भारत की मेट्रो रेल क्रांति ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। वर्तमान में, भारत में 17 शहरों में 1,000 किलोमीटर से ज्यादा का मेट्रो नेटवर्क है, जो लाखों यात्रियों को तेज और सुरक्षित सफर का अनुभव दे रहा है। लेकिन यह तो बस शुरुआत है। सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत अगले कुछ सालों में 1,000 किलोमीटर और जुड़ने वाले हैं, जिससे भारत अमेरिका के 1,400 किलोमीटर के नेटवर्क को पछाड़कर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो सिस्टम बन जाएगा।
11 सालों में जबरदस्त विस्तार
2014 में जहां देश में सिर्फ 248 किलोमीटर का मेट्रो नेटवर्क था, वहीं 2025 तक यह 1,000 किलोमीटर का आंकड़ा पार कर चुका है। दिल्ली मेट्रो दुनिया की सबसे व्यस्त मेट्रो में से एक है, जो हर दिन करोड़ों यात्रियों को जोड़ती है। इसके साथ ही, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता जैसे शहरों में नई मेट्रो लाइनें तेजी से बन रही हैं।
अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को मिलेगा फायदा
यह विस्तार न सिर्फ शहरों में ट्रैफिक जाम को कम करेगा, बल्कि पर्यावरण को बचाने में भी मददगार साबित होगा। यह उपलब्धि भारत की आर्थिक प्रगति का प्रतीक है। युवा इंजीनियरों और नई टेक्नोलॉजी के दम पर, भारत डिजिटल इंडिया के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में भी मजबूत हो रहा है। आंध्र प्रदेश से लेकर तमिलनाडु तक, देश के हर राज्य में मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर तेजी से काम चल रहा है। जल्द ही हम चीन के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर होंगे।