महंगा सामान, बाहर खाना बंद! ट्रंप के टैरिफ से अमेरिका में मची हलचल, लोगों ने बदला खर्च करने का तरीका

महंगा सामान, बाहर खाना बंद! ट्रंप के टैरिफ से अमेरिका में मची हलचल, लोगों ने बदला खर्च करने का तरीका

डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ का असर अब अमेरिकी लोगों की जेब पर दिखने लगा है, जिससे उनकी खरीदारी की आदतें बदल रही हैं।

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। हाल ही में उन्होंने दुनिया के कई देशों पर भारी टैरिफ (आयात शुल्क) लगाया है, जिसमें भारत और ब्राजील पर सबसे ज्यादा 50% का टैरिफ शामिल है। चुनावी वादे में ट्रंप ने कहा था कि वह किराने का सामान सस्ता करेंगे, लेकिन इसके उलट देश में कीमतें बढ़ती जा रही हैं। इससे परेशान होकर अमेरिकी लोगों ने अपने खर्च करने के तरीके बदल दिए हैं।

सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में हुए एक सर्वे में 53% अमेरिकी लोगों ने माना कि खाने-पीने की चीजों की बढ़ती कीमतें उनकी सबसे बड़ी चिंता है। खास तौर पर अंडे, बीफ, संतरे के जूस और अन्य चीजों की कीमतों में भारी उछाल आया है। ट्रंप के टैरिफ के कारण विदेशी फल, डिब्बाबंद सामान और कॉफी जैसी चीजें भी महंगी हो रही हैं।

महंगाई का खतरा बढ़ा

अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और उसका बाजार भी बहुत बड़ा है, लेकिन वहां ज्यादातर चीजें आयात की जाती हैं। पहले अमेरिका में आयातित सामान पर कम से कम 10% टैरिफ लगता था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है। ट्रंप ने हर देश पर अलग-अलग टैरिफ लगाया है। मेक्सिको, कनाडा और चीन जैसे बड़े ट्रेडिंग पार्टनर्स पर भी भारी टैरिफ लगाया गया है, जैसे मेक्सिको पर 25%, कनाडा पर 35% और चीन पर 30%।

ब्राजील (50%), लाओस (40%), म्यांमार (40%), स्विट्जरलैंड (39%), इराक (35%) और सर्बिया (35%) पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाया गया है। भारत पर 25% और रूस से तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त 25% का टैरिफ लगाया गया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा।

कहां से आता है सामान?

मेक्सिको अमेरिका का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है, जो टमाटर, एवोकाडो, आम और चीनी जैसी चीजें सप्लाई करता है। कनाडा से मशरूम, मीट और अनाज आता है। ब्राजील से सबसे ज्यादा संतरे का जूस और चीन से सेब का जूस और फ्रोजन फिश आयात की जाती है। इन देशों पर टैरिफ बढ़ने से अब अमेरिकी लोगों को इन चीजों के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं।

लोगों का भरोसा डगमगाया

मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के फूड इकोनॉमिस्ट डेविड ओर्टेगा ने कहा कि ट्रंप ने कीमतों को लेकर जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। इससे लोगों में निराशा बढ़ी है। उनका बजट बिगड़ा हुआ है और उन्हें देश की अर्थव्यवस्था की दिशा को लेकर चिंता सता रही है। हाल की रिपोर्ट्स बताती हैं कि अर्थव्यवस्था पहले से कमजोर हो सकती है, जिसका एक बड़ा कारण ट्रंप की व्यापार नीतियां हैं।

फिलहाल महंगाई कुछ हद तक काबू में है क्योंकि कंपनियों ने टैरिफ की आशंका के चलते पहले ही बड़ी मात्रा में सामान खरीद लिया था और वे बढ़ी हुई लागत को खुद ही झेल रही हैं। लेकिन जब उनका स्टॉक खत्म हो जाएगा, तो असली चुनौती शुरू होगी।

आगे की असली चुनौती

अर्थशास्त्रियों का कहना है कि महंगाई में तेजी से बढ़ोतरी होने में थोड़ा समय लग सकता है। कंपनियां अब कम सामान आयात कर रही हैं क्योंकि टैरिफ के कारण यह महंगा हो गया है। लोगों ने भी खर्च कम कर दिया है, वे छोटे साइज का सामान खरीद रहे हैं, कूपन का इस्तेमाल कर रहे हैं और बाहर खाने-पीने के बजाय घर पर खाना पसंद कर रहे हैं।

क्रोगर के अंतरिम सीईओ रॉन सार्जेंट ने कहा कि अनिश्चित आर्थिक माहौल में ग्राहक सावधानी से खर्च कर रहे हैं। ओरियो और चिप्स बनाने वाली कंपनी मोंडेलेज ने बताया कि पिछली तिमाही में उत्तरी अमेरिका में उनकी बिक्री 3.5% गिर गई। सीईओ डिर्क वैन डी पुट ने कहा कि लोगों में बहुत चिंता है और महंगाई को लेकर निराशा है।

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