पाकिस्तान जेल से भागने वाले 1971 के हीरो कैप्टन पारुलकर का निधन, वायुसेना ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

पाकिस्तान जेल से भागने वाले 1971 के हीरो कैप्टन पारुलकर का निधन, वायुसेना ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

1971 के युद्ध के बहादुर नायक ग्रुप कैप्टन दिलीप कमलकर पारुलकर का रविवार को निधन हो गया है। भारतीय वायुसेना ने उनके साहस और शौर्य को याद करते हुए गहरा शोक व्यक्त किया है।

नई दिल्ली: पाकिस्तान की जेल से अपने साथियों के साथ मिलकर एक साहसिक तरीके से भागने वाले और 1971 के युद्ध के हीरो ग्रुप कैप्टन दिलीप कमलकर पारुलकर का रविवार को निधन हो गया है। भारतीय वायुसेना ने इसकी जानकारी देते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

वायुसेना ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

वायुसेना ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में गहरा दुख व्यक्त करते हुए लिखा, "ग्रुप कैप्टन डीके पारुलकर (सेवानिवृत्त) वीएम, वीएसएम 1971 के युद्ध नायक, जिन्होंने पाकिस्तान में कैद से एक साहसिक पलायन का नेतृत्व किया, बेजोड़ साहस, प्रतिभा और भारतीय वायुसेना में गर्व का प्रतीक अपने स्वर्गीय निवास के लिए प्रस्थान कर गए हैं। भारतीय वायुसेना के सभी वायु योद्धा अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं।"

पारुलकर ने 1963 में वायुसेना जॉइन की थी। अपने करियर में उन्होंने फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर, सिंगापुर में दो साल की ड्यूटी और नेशनल डिफेंस अकादमी में बटालियन कमांडर जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। 1965 के युद्ध के दौरान दुश्मन की गोली से घायल होने के बावजूद, उन्होंने अपने विमान को सुरक्षित बेस तक पहुंचाया था। इस बहादुरी के लिए उन्हें वायुसेना मेडल से सम्मानित किया गया था।

पाकिस्तान से ऐसे हुए थे फरार

1971 के युद्ध के दौरान, पाकिस्तानी सैनिकों ने पारुलकर को बंदी बना लिया था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपने दो साथियों के साथ मिलकर, उन्होंने जेल से भागने की एक शानदार योजना बनाई और उसमें सफल भी हुए। इस बहादुरी भरे कारनामे के लिए उन्हें 'विशिष्ट सेवा पदक' से सम्मानित किया गया था।

पारुलकर की यह साहसिक कहानी भारत के सैन्य इतिहास में एक प्रसिद्ध अध्याय बन गई है, जो भारतीय वायुसेना की अदम्य भावना को दर्शाती है। उनका साहस और देशभक्ति वायु योद्धाओं की कई पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

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