शराब का एक घूंट तक नहीं पिया... फिर भी बना दिया Old Monk जैसा भारत का सबसे प्रतिष्ठित रम ब्रांड!

शराब का एक घूंट तक नहीं पिया... फिर भी बना दिया Old Monk जैसा भारत का सबसे प्रतिष्ठित रम ब्रांड!

Title

ओल्ड मॉन्क रम (Old Monk Rum) की अनकही कहानी जानकर आप हैरान हो जाएंगे। भारत के सबसे प्रतिष्ठित रम ब्रांडों में से एक का निर्माण एक ऐसे व्यक्ति ने किया, जिन्होंने खुद कभी शराब का एक घूंट तक नहीं पिया था।

एक सैन्य अधिकारी, जिन्होंने साधुओं से ली प्रेरणा

यह कहानी भारत की आजादी के बाद शुरू हुई, जब सैन्य अधिकारी कपिल मोहन (जो बाद में ब्रिगेडियर बने) ने मोहन मीकिन ब्रुअरीज (जो पहले डायर मीकिन ब्रुअरीज थी) का अधिग्रहण किया। ओल्ड मॉन्क नाम की प्रेरणा उन्हें पहाड़ों में तपस्वी जीवन जीने वाले बेनेडिक्टिन भिक्षुओं से मिली। माना जाता है कि ये साधु एक खास पेय पीते थे, जिससे प्रेरणा लेकर 'ओल्ड मॉन्क' नाम रखा गया, जो शांति और सादगी को दर्शाता है।

  • लॉन्च: यह रम 1935 में लॉन्च हुई।
  • खास प्रक्रिया: इसे पुराने ओक के पीपों (oak barrels) में पकाया जाता है, जिससे इसमें वनीला, कारमेल और चॉकलेट का हल्का स्वाद आता है, और यह काफी स्मूथ होती है।

हर भारतीय के दिल में बसी एक भावना

ओल्ड मॉन्क जल्द ही भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली डार्क रम बन गई। इसकी गोल-मटोल अनोखी बोतल, किफायती दाम और लाजवाब स्वाद ने इसे एक आइकॉन बना दिया, जो आज भी करोड़ों भारतीयों के दिलों में बसी है। यह रम आजादी के बाद के भारत की पहचान और हर उत्सव का साथी रही।

पद्मश्री से सम्मानित थे कपिल मोहन

इस ब्रांड को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले कपिल मोहन को उनके सैन्य योगदान के लिए पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। यह उनकी महानता को दर्शाता है कि शराब का सेवन न करने के बावजूद उन्होंने दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली डार्क रम में से एक का निर्माण किया।

ओल्ड मॉन्क सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि एक भावना और भारत के इतिहास का हिस्सा है, जिसे आज भी लोग याद करते हैं।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने